Thursday, September 18, 2008


दौलत सोहरत से नही बनता है कोई अमीर
"खुशी" है पास नही तो जीकर करे क्या कबीर

Friday, September 12, 2008


लिखने लगे कुछ लोग अब सीधी सच्ची बात
लेकिन मुझको नही सुहाती इतनी अच्छी बात
इतनी अच्छी बात का अब नही ज़माना कबीर
झूठी बातों से चलती आई सदा दुनिया की तकदीर

Sunday, September 7, 2008

Kabir

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इश्क का आगाज़ क्या अंजाम क्या वहशियों को मसलिहत से काम क्या जो भी था रहे वफ़ा में खो गया अब पूछते हो हमारा नाम क्या