गए समय को क्या विदा क्या नए बरस की आस
कबीरा घर में मौज है तो हर दिन है मधुमास
कबीरा घर में मौज है तो हर दिन है मधुमास
आज इंसान और उसकी दुनिया कितनी बदल चुकी है जीवन के मूल्य और अस्म्ताये कहीं खो कर रह गयी है बदलाव अच्छा है ,लेकिन कुछ भी तो अच्छा नहीं हो रहा है....देखो न इस हालत पर कबीरा कैसे रो रहा है