आज इंसान और उसकी दुनिया कितनी बदल चुकी है
जीवन के मूल्य और अस्म्ताये कहीं खो कर रह गयी है
बदलाव अच्छा है ,लेकिन कुछ भी तो अच्छा नहीं हो रहा है....देखो न इस हालत पर कबीरा कैसे रो रहा है
Tuesday, December 30, 2008
गए समय को क्या विदा क्या नए बरस की आस कबीरा घर में मौज है तो हर दिन है मधुमास
1 comment:
... nice one !!!
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